Last updated on Thursday, August 22nd, 2019
मै धड़कता हूँ
मुझे कोई
दिल कहने की
खता ना करे
मुझे कोई
दिल कहने की
खता ना करे
मै तड़पता हूँ
चाँदनी रातो में
मुझे कोई चकोर
कहने की
खता ना करे
मै दबा हुआ हूँ
अभी राख में
मुझे कोई
अंगारा कहने की
खता ना करे
मै रहता हूँ
ओढ़ कर मानव का लिबास
मानवता के जंगल में
मुझे कोई
आदमी कहने की
खता ना करे !!!!