Last updated on Thursday, August 22nd, 2019
ढका बादलो ने
चाँद को ऐसे
प्रियतम की राह
देखती गौरी जैसे
माथे पर बिंदिया
ऐसे दमके
चाँद ऊपर तारा
जैसे चमके
चांदनी रात में
बादल ऐसे गहराए
गौरी का आँचल
जैसे बार बार लहराये
बाद्ल बरसे
बरसे ऐसे
माला के मोती
हों जैसे बिखरे
हर बूंद लगती प्यारी
प्रियतम को हो
जैसे गौरी प्यारी
चाँद को ऐसे
प्रियतम की राह
देखती गौरी जैसे
माथे पर बिंदिया
ऐसे दमके
चाँद ऊपर तारा
जैसे चमके
चांदनी रात में
बादल ऐसे गहराए
गौरी का आँचल
जैसे बार बार लहराये
बाद्ल बरसे
बरसे ऐसे
माला के मोती
हों जैसे बिखरे
हर बूंद लगती प्यारी
प्रियतम को हो
जैसे गौरी प्यारी