Dr Sushil Kumar

शहर में रहने वाली गाँव की आधी -अधूरी मजबूरी !

Last updated on Thursday, August 22nd, 2019

                                                                     (Ref:http://en.wikipedia.org)


कमर पर बच्चे को बांध 

हाथ में पत्थर तोड़ने का सामान लेकर
निकल जाती है 
शहर में रहने वाली 
गाँव की आधी -अधूरी मजबूरी 


प्लास्टिक के ऊपर 

अंग्रेज़ी समाचार पत्र पर  
कुपोषित, नग्न बचपन 
शहर के विकास का साक्षी होकर 
बनते घर की छाँव में 
पत्थर तोड़ती माँ को देखकर 
सो जाएगा , सोचकर 
तपती धूप में
पत्थर के ढेर पर 
टक टकायी लगाये बैठी है 
शहर में रहने वाली 
गाँव की आधी -अधूरी मजबूरी 


ऊँची और अधिक ऊँची

मीनारों के नीचे 
मिट्टी -रेत और पत्थरो से 
खेलता बढ़ता बचपन 
सिर पर टोकरी रख कर 
कब चढ़ने लगा !
तपती दोपहर में
मीनारों की छाँव में 
टक टकायी लगाये 
बैठी देखती रह गयी  
शहर में रहने वाली 
गाँव की आधी -अधूरी मजबूरी 

शहर के विकास में 
भविष्य की खिड़की से 
झाँकता हुआ
शहर में रहने वाला गाँव  
बूढ़ा हो गया !
और बूढ़ी हो गयी 
गाँव की आधी -अधूरी मजबूरी



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