Last updated on Saturday, August 24th, 2019
ऐ ख़ुदा !
टीस जख्मों की,
बर्दास्त करूँ तो मगर,
दिल कि दीवारो पे,
तेरे नाम के सिवा,
निशाँ कोई मंजूर नही ।
यूँ अब दवा तो,
जीने का एक बहाना हो गई है ।
मेरे मरने का फाँसला भी अब,
तेरे कदमो की आहट का,
तलबगार हो गया है ।।
सुशील
O God!
twinge of injuries,
I should tolerate but,
on the walls of heart,
there is your name,
no space for any emotions
except to your love,
I know
The dose of drugs just like,
has a reason to live.
the distance of my death
is just waiting
the sound of your feet
sushil