उठा लो पत्थर गिरगिटों की तरहा

जो चाहो तो उठा लो पत्थर  चाहे तो गले लगा लो  मेरी आदत ही  कुछ ऐसी अब बन गयी है यारो। हकीकत के लिए जो  तुम्हारे सामने मुझको खड़ा करने लगी है संभल जाओ अब तो यारो   तड़पते होंगे ...
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Need of Women Empowerment and Social Reformation in Present Scenario Part-1

Need of Women Empowerment and Social Reformation  It was vary different situation for me when I started think to write my feelings about the women empowerment and need of social reformation in the present scenario of my country. I was ...
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दर्द पलकों पे

झुका के गर्दन जो  हम  निकले गली से  वो समझे  बेसहारा, मायूस हो गए  उनको खबर क्या  हम दर्द पलकों पे उनका  कितना उठा ले गए  तरसते थे पहचान को जो  वो हमसे हमारी पहचान पूछते हैं उनको खबर क्या  ...
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एतबार

जिंदगी ने कल हमसे  सवाल कर ही लिया  कितने मुखोटे हैं तुम्हारे पास ? क्यों अपना  अस्तितत्व खो दिया ? हर इंसान से दिखावा  हर इंसान से अलग व्यवहार फिर क्यों इंसान पे  नहीं तुमको एतबार ?
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इश्क़ में इम्तिहान

तुम उड़ो खुले जहान में  चाहे जहाँ जी भर के  आके बैठना मगर  मेरे घर कि छत पे  दीदारे अक्ष तेरा करता रहूँगा मेरी जिंदगी की शाम ना  हो जाये जब तक  चाहो तो एक नज़र देख लेना  मेरे इश्क़ की ...
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अंधेरो में चाँद -सितारो की रोशनी

जीवन पथ है खुशियों से भरा  इस पथ पर तुम चलते जाना  फूलो सी मुस्कान मिलेगी  नदियों सी चंचलता मिलेगी  आ जाये बादल काले कभी  तो शबनम सी बूंदे भी मिलेगी  और वक़्त ठहरा नहीं  सदैव उजालो के लिए  अंधेरो ...
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पहचान

कौन ठहरा है  वक़्त के सैलाब के आगे  जब भी कोई  दौर गुजरा  मेरे जीवन को भी  एक खण्डर की  पहचान दे गया
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दर्द

जिंदगी ने हमसे  कुछ यूँ  फांसला बना लिया  चेहरे पे हँसी दे दी  और आँखों से  उजाला छीन लिया  रोने को चाहे तो  रो दे मगर  आँसुओ ने भी  ना आने का  बहाना बना लिया 
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सींचता हूँ मै, कुछ फूलो के पैड

फूल खिलेंगे मेरे आँगन में
 सींचता हूँ मै, कुछ फूलो के पैड कुछ फूलो के पैड, लिए, इस उम्मीद में, कि फूल खिलेंगे मेरे आँगन में। होगा ना भेद-भाव किसी में , रंग-रूप अलग हो चाहे जितने, चलेगा पवन का झोका, जब भी, मिल ...
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