उठे होठ जब लहरो कि तरहा

होठ उठे जब  लहरो कि तरहा  बाल लहराये  घटाओ की तरहा  दिल के कोने से  आवाज आयी तार बज उठा  और मन के  रंगो से  तस्वीर सजायी झुकी पलके जब  शाम हो गयी  साँवली सी रात में  चाँद जेसे निकल ...
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तेरी आहट

अंधेरो से चिरागो की हकीकत  बयाँ करने की जरुरत नहीं तेरी एक आहट ही बहुत है  मेरा घर गिराने के लिए 
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गौरी का आँचल

ढका बादलो ने  चाँद को ऐसे  प्रियतम की राह  देखती गौरी जैसे  माथे पर बिंदिया  ऐसे दमके  चाँद ऊपर तारा जैसे चमके  चांदनी रात में  बादल ऐसे गहराए  गौरी का आँचल  जैसे बार बार लहराये  बाद्ल बरसे  बरसे ऐसे माला ...
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मुझे कोई आदमी कहने की खता ना करे !!!!

मै धड़कता हूँ  मुझे कोई  दिल कहने की  खता ना करे  मै तड़पता हूँ  चाँदनी रातो में  मुझे कोई चकोर  कहने की  खता ना करे  मै दबा हुआ हूँ  अभी राख में  मुझे कोई  अंगारा कहने की  खता ना करे  ...
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लक्ष्य

बाधा हो ,  हो पग-पग पर, ह्रदय में हो आशा, चेतन हो कितना भी आहत , विश्राम नहीं पथ पर , विश्राम नहीं पथ पर, हो एक उज्जवल अभिलाषा ।  थक कर चूर हुए कभी, श्रम पथ पर , सम्पूर्ण ...
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दिखावा………क्या है तुम्हारे पास ???

पूछा है ये सवाल  बार-बार  मेरे मन ने मुझसे  समुद्र सी गहराई  उठती हुई लहरो की  चंचलता है  तुम्हारे पास ? सोन्दर्य, यौवन से पूर्ण , भव्य  नदियो के मिलन  के बाद भी  अपने तल से  न उठने वाला  समुद्र ...
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दर्द भी अँधेरा भी

अब तो आदत सी हो गयी है , तुम बिन जीने की।  रिश्तो के दर्द भी, अंधेरो में पीने की।  हर शाम गिरता हूँ , उठता हूँ , कभी तेरी यादों में , कभी मयखानों से, हाल अच्छा है , ...
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आदर्श कुर्सी के पीछे

नेता कुर्सी पर जब सवार हो गया  तो , आदर्श कुर्सी के पीछे  टँग कर रह गया ।  कितना भ्रष्ट , असभ्य, धोखेबाज, ये नेता हो गया ।  घूस-खोरी, चापलूसी, दंगा-फसाद  नेता की , कर्तव्य- निष्ठा हो गया।  वाह रे ...
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Love O God!

ऐ ख़ुदा !  टीस जख्मों की,  बर्दास्त करूँ तो मगर, दिल कि दीवारो पे,  तेरे नाम के सिवा, निशाँ कोई मंजूर नही ।  यूँ  अब दवा तो, जीने का एक बहाना हो गई है ।  मेरे मरने का फाँसला भी ...
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