अंधेरो में चाँद -सितारो की रोशनी

जीवन पथ है खुशियों से भरा  इस पथ पर तुम चलते जाना  फूलो सी मुस्कान मिलेगी  नदियों सी चंचलता मिलेगी  आ जाये बादल काले कभी  तो शबनम सी बूंदे भी मिलेगी  और वक़्त ठहरा नहीं  सदैव उजालो के लिए  अंधेरो में भी तुझको  चाँद -सितारो की  रोशनी मिलेगी अंधेरो में भी तुझको  चाँद -सितारो की  ...
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पहचान

कौन ठहरा है  वक़्त के सैलाब के आगे  जब भी कोई  दौर गुजरा  मेरे जीवन को भी  एक खण्डर की  पहचान दे गया
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दर्द

जिंदगी ने हमसे  कुछ यूँ  फांसला बना लिया  चेहरे पे हँसी दे दी  और आँखों से  उजाला छीन लिया  रोने को चाहे तो  रो दे मगर  आँसुओ ने भी  ना आने का  बहाना बना लिया 
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सींचता हूँ मै, कुछ फूलो के पैड

फूल खिलेंगे मेरे आँगन में
 सींचता हूँ मै, कुछ फूलो के पैड कुछ फूलो के पैड, लिए, इस उम्मीद में, कि फूल खिलेंगे मेरे आँगन में। होगा ना भेद-भाव किसी में , रंग-रूप अलग हो चाहे जितने, चलेगा पवन का झोका, जब भी, मिल बाटेंगे खुशबू ,सब पैड, मेरे इस आँगन में, आयेगी तितलियाँ, रंग-बिरँगी देखूँगा जिनको जी भर ...
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उठे होठ जब लहरो कि तरहा

होठ उठे जब  लहरो कि तरहा  बाल लहराये  घटाओ की तरहा  दिल के कोने से  आवाज आयी तार बज उठा  और मन के  रंगो से  तस्वीर सजायी झुकी पलके जब  शाम हो गयी  साँवली सी रात में  चाँद जेसे निकल गया  जमीं पर रखते  ही पैर पायलो का होश  खो गया  उठे होठ जब  लहरो ...
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तेरी आहट

अंधेरो से चिरागो की हकीकत  बयाँ करने की जरुरत नहीं तेरी एक आहट ही बहुत है  मेरा घर गिराने के लिए 
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गौरी का आँचल

ढका बादलो ने  चाँद को ऐसे  प्रियतम की राह  देखती गौरी जैसे  माथे पर बिंदिया  ऐसे दमके  चाँद ऊपर तारा जैसे चमके  चांदनी रात में  बादल ऐसे गहराए  गौरी का आँचल  जैसे बार बार लहराये  बाद्ल बरसे  बरसे ऐसे माला के मोती  हों जैसे बिखरे हर बूंद लगती प्यारी  प्रियतम को हो  जैसे गौरी प्यारी
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मुझे कोई आदमी कहने की खता ना करे !!!!

मै धड़कता हूँ  मुझे कोई  दिल कहने की  खता ना करे  मै तड़पता हूँ  चाँदनी रातो में  मुझे कोई चकोर  कहने की  खता ना करे  मै दबा हुआ हूँ  अभी राख में  मुझे कोई  अंगारा कहने की  खता ना करे  मै रहता हूँ  ओढ़ कर मानव का लिबास मानवता के जंगल में  मुझे कोई  आदमी ...
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लक्ष्य

बाधा हो ,  हो पग-पग पर, ह्रदय में हो आशा, चेतन हो कितना भी आहत , विश्राम नहीं पथ पर , विश्राम नहीं पथ पर, हो एक उज्जवल अभिलाषा ।  थक कर चूर हुए कभी, श्रम पथ पर , सम्पूर्ण कर्म भाव , प्रभु को अर्पित कर देना , परम मानसिक , शुद्ध शारीरिक ऊर्जा ...
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