rishtey

Dr Sushil Kumar

Relationship- रिश्तो में पडी दरार

Poetry, Success, रिश्ते, रिश्तो, विचार धाराओ

Last updated on Sunday, October 9th, 2022

 कुछ रिश्ते अधूरे थे शायद,वर्ना ,

कभी ऐसा तो नहीं था,

हमारे-तुम्हारे बीच के फाँसले,

यूँ ही बढ़ गए हो ||

 

विरुद्ध हो गया हूँ ,कई बार,

स्वयं की विचार धाराओ से,

संभवत: कठिन होगा  इस बार ,

बाँध की अकस्मात टूटी दीवारो से,

धाराओ का बहाव रोकना ||

 

रिश्तो में पडी गाँठ,

और गहरी होती खाई ,

प्रतिस्पर्धा की दौड़ में ,मौन बैठी रही ,

काले बादलो के बीच ,

दौड़ती और कड़कड़ाती बिजली भी ,

सम्भवत: रात भर,

खाई भरने की कोशिश करती रही, और बस,

खाई भरने की कोशिश करती रही ||

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