Last updated on Thursday, August 22nd, 2019
स्कूल का पी-ओन सी -ऑफ रोबोट सूरज
सवेरे ८ बजे आकर
खोल देता है दफ्तर
व्यवश्थित कर अपनी पैन्ट्री
पानी की बोतले, गिलास आदि
अध्यापक कक्ष में
रख देता है सजाकर।
बैठ जाता है कभी
अपनी कुर्सी पर तो कभी
चहल कदमी दफ्तर में
बिरहा जैसे प्रेयसी ,
प्रियतम के दर्शन में।
पहली आदेशात्मक आवाज
“भैया ! कोसा पानी “
रक्त में ऊर्जा का अनन्त
जैसे हुआ हो संचार।
प्रेयसी का प्रियतम से ,
मिलन हुआ लगता पहली बार
आवाज, आवाज और एक आवाज
सब जुड़ जाती है
कोई एक चाय , हो कॉफी तो
कोई हॉट डॉग के साथ
जैसे जुड़ गया हो यहाँ
कोई बिखरा समाज
स्कूल का पी-ओन सी -ऑफ रोबोट सूरज
चाय पिलाता, खाना लाता
रखता ध्यान सभी का
लेकिन पूछा नहीं जाता
हो जन्मदिन की पार्टी
या कोई त्यौहार।
खड़ा हो जाता , तनहा, अंजाना सा
पैड किसी पतझड़ का जैसे
करता हो हरियाली का इंतज़ार