भूख पेट से निकलकर बड़े घर की बेटी हो गयी

प्रगति की दौड़ में रिश्ते छोड़ दिए अपनों को अपना कहा नहीं स्वार्थ से रिश्ते  जोड़ लिए होड़- दौड़, और दौड़ की इच्छा से मानव को नहीं स्वयंम को भी पीछे छोड़ गए चेहरे के लेप और शरीर की खुशबू हर मुखोटे के आगे झुक गए संस्कार, कर्त्तव्य का बोध बीते कल का ज्ञान हो गया अपनों को अपना ...
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Feeling अहसास दो पल का

Feeling in hindi words: सुखा सिमटा सा  उसका तन और मन मीलो दूर बैठा, जिससे बचपन, आँखों में, चमक लेकर होंठ बोले ……… अंकल , सेब ले लो …… रुका फिर बोला ……. अमरुद सस्ते हैं ले लो …… जीर्ण-क्षीण हुआ अर्द्धनग्न शरीर उम्र होगी  कोई ९-१० साल टोकरी में रखा था सारा सामान , ...
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समर्पण

समर्पण करना चाहता हूँ ,  तुमको  आँसू , वेदनाएँ  असहाए पीड़ा , भूख  ईर्ष्या-द्वेष  और रिश्तो में छिपायी हुई  नफरत, ठहाको के पीछे, खड़े , शोषण के विचार ।  मानसिक अपंगता, वैचारिक कुरूपता , के सिवाय मात्र, मिल गये थे जो , कुछ क्षण ।  एकांतवास के , आत्मचिंतन के, एक रूप के  प्रेम के   ...
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परखने वाला नहीं मिला

तुझसे मिलकर भी  मैं बिछुड़ने की भूल करता रहा हर शाम तन्हा तन्हा ख़ुद से बात करता रहा मै सीख तो गया गलतियों से मगर तुझसे बढ़कर भी मुझे कोई परखने वाला ना मिला  डॉ० सुशील कुमार
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Environment

जंगल उजाड़े पशु-पक्षी मारे अब धरोहर को मिटाना है । आधुनिकीकरण की राह में पर्यावरण उजड़ा अन्न उपजाऊ भूमि पर इमारतो का निर्माण सड़को के नाम पर लाखो-करोड़ों, पैड काटे यहाँ तक कि सभ्य कहने वाले व्यक्ति ने पक्षियों के हैं घर उजाड़े काश ! हे मनुष्य ! ये सब सत्य न होता, तो  पेड़ो ...
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