समर्पण करना चाहता हूँ , तुमको आँसू , वेदनाएँ असहाए पीड़ा , भूख ईर्ष्या-द्वेष और रिश्तो में छिपायी हुई नफरत, ठहाको के पीछे, खड़े , शोषण के विचार । मानसिक अपंगता, वैचारिक कुरूपता , के सिवाय मात्र, मिल गये थे जो , कुछ क्षण । एकांतवास के , आत्मचिंतन के, एक रूप के प्रेम के ...
Read more