Last updated on Thursday, August 22nd, 2019
तुम लौट आओ
कि यादो के दिए
बुझने लगे हैं
उखड़ती हुई सांसो की
आहट से
सजे हुए सपने
टूटने लगे
जाओ ना इतनी दूर हमसे
कि रातो में फिर
चाँद-सितारो से बात करने लगे
तुम लौट आओ
कि यादो के दिए बुझने लगे है.
कि यादो के दिए
बुझने लगे हैं
उखड़ती हुई सांसो की
आहट से
सजे हुए सपने
टूटने लगे
जाओ ना इतनी दूर हमसे
कि रातो में फिर
चाँद-सितारो से बात करने लगे
तुम लौट आओ
कि यादो के दिए बुझने लगे है.