Last updated on Thursday, August 22nd, 2019
कोई हमे जीने का बहाना तो दे
कोई हमारा हमसे चैन तो छीन ले
कोई तो ख़्वाबो में भी आये हमारे
कोई नींद हमारी भी तो हमसे छीन ले
मैं तो बहका बहका सा रहता हूँ
भीड़ में शहर की तेरे
कोई लोगो से दिल मिलाने का हूनर भी तो देदे